केंद्रीय हिंदी निदेशालय ने वर्ष 2003 में देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी के मानकीकरण के लिए अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन किया था। इस संगोष्ठी में निम्नलिखित नियम निर्धारित किए गए थे : 2. संयुक्त वर्ण 2.1.1 खड़ी पाई वाले व्यंजन खड़ी पाई वाले व्यंजनों के संयुक्त रूप परंपरागत तरीके से खड़ी पाई को हटाकर ही बनाए जाएँ। यथा:– ख्याति, लग्न, विघ्न कच्चा, छज्जा नगण्य कुत्ता, पथ्य, ध्वनि, न्यास प्यास, डिब्बा, सभ्य, रम्य शय्या उल्लेख व्यास श्लोक राष्ट्रीय स्वीकृति यक्ष्मा त्र्यंबक 2.1.2 अन्य व्यंजन 2.1.2.1 क और फ/फ़ के संयुक्ताक्षर:– संयुक्त, पक्का, दफ़्तर आदि की तरह बनाए जाएँ, न कि संयुक्त, पक्का की तरह। 2.1.2.2 ङ, छ, ट, ड, ढ, द और ह के संयुक्ताक्षर हल् चिह्न लगाकर ही बनाए जाएँ। यथा:– वाङ्मय, लट्टू, बुड्ढा, विद्या, चिह्न, ब्रह्मा आदि। (वाङ्मय, बुड्ढा, विद्या, चिह्न, ब्रह्मा नहीं) 2.1.2.3 संयुक्त ‘र’ के प्रचलित तीनों रूप यथावत् रहेंगे। यथा:– प्रकार, धर्म, राष्ट्र। 2.1.2.4 श...
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